Maalik movie review 11th July: एक साधारण गैंगस्टर ड्रामा जो निराश करता है

“Maalik movie review” बॉलीवुड की ताजा पेशकश है, जिसमें राजकुमार राव मुख्य भूमिका में हैं। इस फिल्म का निर्देशन पुलकित ने किया है और यह 11 जुलाई, 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज हुई। यह फिल्म दर्शकों के बीच चर्चा का विषय रही है, खासकर राजकुमार राव के नए गैंगस्टर अवतार के कारण। लेकिन क्या यह फिल्म अपनी उम्मीदों पर खरी उतरती है? आइए इस मालिक मूवी रिव्यू में विस्तार से जानते हैं।

Maalik movie review: कहानी का सारांश

1988 के इलाहाबाद में सेट, “मालिक” की कहानी डीपक उर्फ मालिक (राजकुमार राव) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक गैंगस्टर है और स्थानीय राजनीतिक नेता शंकर सिंह उर्फ दादा (सौरभ शुक्ला) के समर्थन से सत्ता की ऊंचाइयों को छूता है।

कहानी में ट्विस्ट तब आता है जब मालिक एक पुलिसवाले की हत्या कर देता है, जिसके बाद नया एसपी प्रभु दास (प्रोसेनजित चटर्जी) उसे खत्म करने की ठान लेता है। यह कहानी महत्वाकांक्षा, सत्ता और विश्वासघात की थीम्स को छूती है, लेकिन क्या यह दर्शकों को बांधे रखती है? इस मालिक मूवी रिव्यू में हम इसे समझने की कोशिश करेंगे।

अभिनय

राजकुमार राव इस फिल्म का सबसे मजबूत पक्ष हैं। उनका गैंगस्टर अवतार ताजगी भरा है, खासकर एक दृश्य में जहां वह चार लोगों को लटकाता है, जो दर्शकों को याद रहता है। हालांकि, उनकी भूमिका में गहराई की कमी है, जो शायद कमजोर लेखन का नतीजा है। मानुषी छिल्लर ने शालिनी के किरदार में आश्चर्यजनक रूप से अच्छा काम किया है।

एक गांव की लड़की के रूप में वह राव के सामने अपनी मौजूदगी दर्ज कराती हैं, लेकिन उनकी भूमिका ज्यादा विस्तार नहीं पाती। अंशुमान पुष्कर मालिक के भाई के रूप में प्रभावशाली हैं, जबकि प्रोसेनजित चटर्जी एसपी के किरदार में ठीक हैं। सौरभ शुक्ला और स्वानंद किरकिरे जैसे सहायक कलाकार विश्वसनीय हैं, लेकिन उनके किरदारों को ठीक से लिखा नहीं गया, जिसके कारण वे भुला दिए जाते हैं।

निर्देशन और पटक

निर्देशक पुलकित की यह पहली थिएट्रिकल रिलीज है, जो कुछ हद तक वादा करती है। हालांकि, पटकथा, जो पुलकित और ज्योत्सना नाथ ने लिखी है, क्लिच्ड है और इसमें नयापन नहीं है। कहानी कई बार “खाकी: द बिहार चैप्टर” जैसे अन्य गैंगस्टर ड्रामों की याद दिलाती है। पहला हाफ काफी धीमा है, और केवल इंटरवल का दृश्य ही कुछ रोमांच पैदा करता है। दूसरा हाफ, जो लगभग 90 मिनट लंबा है, दर्शकों का धैर्य आजमाता है। इसमें जबरदस्ती डाला गया रोमांटिक ट्रैक और कुछ अनावश्यक दृश्य कहानी को कमजोर करते हैं। इस मालिक मूवी रिव्यू में यह साफ है कि बेहतर लेखन फिल्म को और प्रभावशाली बना सकता था।

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संगीत और तकनीकी पहलू

“मालिक” का संगीत निराशाजनक है। साचिन-जिगर द्वारा रचित गाने जैसे “नामुमकिन” अपनी चित्रण के कारण थोड़ा प्रभाव छोड़ते हैं, लेकिन “दिल थाम के” और “राज करेगा मालिक” भूलने योग्य हैं। अमिताभ भट्टाचार्य के गीत भी कुछ खास नहीं हैं। हालांकि, केतन सोधा का बैकग्राउंड स्कोर सिनेमाई है और ड्रामे को बढ़ाने में मदद करता है। अनुज राकेश धवन की सिनेमैटोग्राफी 1980 के दशक के इलाहाबाद को अच्छे से कैद करती है। निहारिका भसीन के कॉस्ट्यूम सरल और समय के अनुरूप हैं, जबकि रीता घोष का प्रोडक्शन डिजाइन प्रशंसनीय है। विक्रम दहिया के एक्शन सीक्वेंस रक्तपातपूर्ण लेकिन अच्छे से निष्पादित हैं। हालांकि, ज़ुबिन शेख का एडिटिंग और चिकना हो सकता था, क्योंकि कुछ दृश्य अनावश्यक रूप से लंबे लगते हैं।

बॉक्स ऑफिस और दर्शकों की प्रतिक्रिया

“मालिक” को समीक्षकों से मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली है। बॉलीवुड हंगामा ने इसे 2.0/5 रेटिंग दी, जबकि IMDb पर इसे 4/10 मिला। कुछ ट्विटर रिव्यूज में राजकुमार राव को “छपरी एक्शन हीरो” कहा गया और सुझाव दिया गया कि वह रियल-लाइफ या पारिवारिक किरदारों में बेहतर हैं। फिल्म की कहानी को “पुरानी शराब नई बोतल में” बताया गया। बॉक्स ऑफिस पर इसे कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है, खासकर “सुपरमैन” और “आंखों की गुस्साखियां” जैसी फिल्मों से। फिर भी, बी और सी केंद्रों के सिंगल स्क्रीन दर्शकों में यह कुछ हद तक लोकप्रिय हो सकती है।

विशेषताविवरण
रिलीज तारीख11 जुलाई, 2025
जॉनरएक्शन, क्राइम, ड्रामा, पीरियड
अवधि152 मिनट
निर्देशकपुलकित
मुख्य कलाकारराजकुमार राव, मानुषी छिल्लर, प्रोसेनजित चटर्जी, सौरभ शुक्ला, हума कुरैशी
रेटिंग2.0/5 (बॉलीवुड हंगामा), 4/10 (IMDb)
प्रोडक्शनटिप्स फिल्म्स, नॉर्दर्न लाइट्स फिल्म्स

निष्कर्ष

यह मालिक मूवी रिव्यू बताता है कि “मालिक” एक साधारण गैंगस्टर ड्रामा है, जो परिचित रास्तों पर चलता है। राजकुमार राव का अभिनय और कुछ सहायक कलाकारों का काम सराहनीय है, लेकिन कमजोर पटकथा और क्लिच्ड कहानी इसे निराशाजनक बनाती है। संगीत और एडिटिंग में कमी के कारण फिल्म वह प्रभाव नहीं छोड़ पाती, जो यह चाहती थी। अगर आप राजकुमार राव के प्रशंसक हैं, तो उनके नए अवतार के लिए इसे एक बार देख सकते हैं, लेकिन ज्यादा उम्मीद न रखें। बॉक्स ऑफिस पर कड़ी प्रतिस्पर्धा के कारण, यह फिल्म शायद ज्यादा कमाल न दिखा पाए।

संदर्भ:

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