Radhika_Yadav: एक होनहार टेनिस स्टार का दुखद अंत

परिचय

राधिका यादव एक ऐसी नाम थीं, जिन्होंने भारतीय टेनिस में अपनी मेहनत और प्रतिभा से एक खास जगह बनाई थी। 23 मार्च 2000 को गुरुग्राम, हरियाणा में जन्मी राधिका ने कम उम्र में ही टेनिस की दुनिया में कदम रखा और जल्द ही डबल्स में भारत की शीर्ष खिलाड़ियों में शामिल हो गईं। 4 नवंबर 2024 को उन्होंने ITF डबल्स रैंकिंग में 113वां स्थान हासिल किया, जो उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि थी। इसके अलावा, वह गुरुग्राम में अपनी टेनिस अकादमी के जरिए युवा खिलाड़ियों को प्रेरित करती थीं। लेकिन, 10 जुलाई 2025 को एक दुखद घटना ने उनकी जिंदगी को हमेशा के लिए खत्म कर दिया। उनके पिता, दीपक यादव, ने कथित तौर पर उनकी गोली मारकर हत्या कर दी। यह लेख राधिका यादव के जीवन, उनके करियर और इस दुखद घटना के बारे में विस्तार से बताता है।

राधिका यादव का शुरुआती जीवन

राधिका यादव का जन्म गुरुग्राम के सुषांत लोक में हुआ था। उन्होंने स्कॉटिश हाई इंटरनेशनल स्कूल से अपनी पढ़ाई पूरी की और 2018 में कॉमर्स में 12वीं कक्षा पास की। स्कूल के दिनों से ही राधिका का टेनिस के प्रति जुनून दिखाई देता था। उन्होंने छोटी उम्र में ही टेनिस खेलना शुरू किया और अपनी प्रतिभा से जल्द ही सबका ध्यान खींच लिया। उनकी मेहनत और लगन ने उन्हें एक उभरते हुए सितारे के रूप में स्थापित किया।

टेनिस करियर और उपलब्धियां

राधिका यादव ने टेनिस में कई उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल कीं। उन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई टूर्नामेंट में हिस्सा लिया और अपनी चपलता, कोर्ट पर बुद्धिमानी और मेहनत के लिए जानी गईं। उनकी कुछ प्रमुख उपलब्धियां इस प्रकार हैं:

श्रेणीविवरण
ITF डबल्स रैंकिंग113 (4 नवंबर 2024 को)
हरियाणा महिला डबल्स रैंकिंग5वां स्थान
AITA गर्ल्स अंडर-18 रैंकिंग75 (22 जनवरी 2018 को)
AITA महिला डबल्स रैंकिंग53
AITA महिला सिंगल्स रैंकिंग35
ITF सर्किट36 सिंगल्स और 7 डबल्स मैच खेले

राधिका ने ITF सर्किट पर अपनी आखिरी सिंगल्स उपस्थिति मार्च 2024 में और डबल्स में जून 2023 में दर्ज की थी। वह हरियाणा की अन्य उभरती खिलाड़ियों जैसे पूर्णी भट्ट (रैंक 109) और थनिया सराय गोगुलमंदा (रैंक 125) के साथ चर्चा में रहती थीं। उनकी खेल शैली और समर्पण ने उन्हें टेनिस समुदाय में सम्मान दिलाया।

कोचिंग और सामाजिक प्रभाव

अपने खेल करियर के बाद, राधिका ने गुरुग्राम में एक टेनिस अकादमी शुरू की, जहां वह युवा खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देती थीं। उनकी अकादमी में कई बच्चे प्रशिक्षण लेते थे, और वह अपनी मेहनत और समर्पण के लिए जानी जाती थीं। एक पड़ोसी ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, “राधिका बहुत विनम्र और मेहनती थीं। वह बच्चों को टेनिस सिखाने के साथ-साथ बड़ों का सम्मान भी करती थीं।” उनकी अकादमी की सफलता ने उन्हें स्थानीय समुदाय में एक प्रेरणा बनाया। हाल ही में एक कंधे की चोट के बावजूद, वह फिजियोथेरेपी करवा रही थीं और अपनी अकादमी को चलाने में लगी हुई थीं।

राधिका ने सोशल मीडिया पर भी अपनी उपस्थिति दर्ज की थी। उन्होंने इंस्टाग्राम पर रील्स बनाईं और 2024 में एक म्यूजिक वीडियो “करवां” में काम किया, जिसमें वह कलाकार INAAM के साथ रोमांटिक सीन में नजर आईं। यह वीडियो LLF रिकॉर्ड्स के तहत रिलीज हुआ था। हालांकि, उनकी यह गतिविधि उनके परिवार में विवाद का कारण बनी।

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दुखद घटना

10 जुलाई 2025 को सुबह करीब 10:30 बजे, राधिका अपने परिवार के घर, सुषांत लोक, सेक्टर 57, गुरुग्राम में रसोई में खाना बना रही थीं। उसी समय, उनके पिता दीपक यादव ने कथित तौर पर अपनी लाइसेंस प्राप्त .32 बोर रिवॉल्वर से उनकी पीठ में पांच गोलियां दागीं, जिनमें से तीन गोलियां उन्हें लगीं। राधिका को तुरंत एक निजी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उनकी जान नहीं बच सकी। उनके चाचा कुलदीप यादव ने पुलिस को बताया कि उन्होंने एक जोरदार धमाके की आवाज सुनी और ऊपर पहुंचने पर राधिका को खून से लथपथ पाया। पुलिस ने दीपक यादव को गिरफ्तार कर लिया, और उन्होंने अपराध कबूल कर लिया।

अपराध के पीछे का कारण

पुलिस और परिवार के बयानों के अनुसार, राधिका और उनके पिता के बीच लंबे समय से तनाव चल रहा था। दीपक यादव अपनी बेटी की टेनिस अकादमी से नाराज थे। इंडिया टुडे के अनुसार, दीपक ने FIR में कहा कि गाँव के लोग उन्हें ताना मारते थे कि वह अपनी बेटी की कमाई पर जी रहे हैं और उनकी बेटी के चरित्र पर सवाल उठाते थे। उन्होंने राधिका से कई बार अकादमी बंद करने को कहा, लेकिन राधिका ने मना कर दिया। इसके अलावा, राधिका की सोशल मीडिया गतिविधियां, खासकर इंस्टाग्राम रील्स और म्यूजिक वीडियो “करवां” में उनकी उपस्थिति, ने भी तनाव बढ़ाया। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि क्या ये सभी कारक इस दुखद घटना का कारण बने।

हालांकि, कुछ रिपोर्ट्स में यह भी बताया गया कि दीपक यादव एक धनी व्यक्ति थे, जो गुरुग्राम में कई संपत्तियों के मालिक थे और हर महीने 15-17 लाख रुपये किराए से कमाते थे। फिर भी, सामाजिक दबाव और ताने उनके लिए असहनीय हो गए।

समुदाय की प्रतिक्रियाएं

राधिका यादव की मृत्यु की खबर ने टेनिस समुदाय और उनके चाहने वालों को गहरा सदमा दिया। उनके पूर्व कोच मनोज भारद्वाज ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया, “वह बहुत केंद्रित, अनुशासित और प्रतिभाशाली थीं। उनकी मृत्यु एक बड़ी क्षति है।” उनके कई छात्रों और साथी खिलाड़ियों ने उनके घर जाकर श्रद्धांजलि दी। एक स्थानीय निवासी, मोना शर्मा, जिनकी बेटी राधिका से कोचिंग लेती थी, ने कहा, “वह बहुत उज्ज्वल थीं। उनके पिता उन्हें टूर्नामेंट में ले जाते थे। यह विश्वास करना मुश्किल है कि उन्होंने ऐसा किया।” इस घटना ने न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे खेल जगत को हिलाकर रख दिया।

निष्कर्ष

राधिका यादव की कहानी एक प्रेरणादायक शुरुआत से लेकर दुखद अंत तक की यात्रा है। उनकी टेनिस उपलब्धियां, कोचिंग के प्रति समर्पण और युवा खिलाड़ियों को प्रेरित करने का जुनून हमेशा याद किया जाएगा। यह घटना सामाजिक दबाव और पारिवारिक तनाव के खतरों को उजागर करती है। पुलिस अभी भी इस मामले की जांच कर रही है, और सभी की नजरें राधिका के लिए न्याय पर टिकी हैं। उनकी यादें और योगदान भारतीय टेनिस में हमेशा जीवित रहेंगे।

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